बीता वर्ष बेहद याद आएगा
जितना हमें दे गया, उतना ही या शायद उससे कहीं ज़्यादा ले गया
कुछ यादें संग ले गया तो शायद उतनी ही दे भी गया
बीते वर्ष ने जितना विनम्र होना सिखाया, उतना ही मन को मज़बूत करना भी सिखाया
पर इस बार ये जाते-जाते छीन ले गया उसे , जिसने हमें दिया जीवन
ये तन-मन
वो जीवन भर पढ़ाती रही विनम्रता का पाठ
और जाते-जाते हम सभी को सिखा गई मन कड़ा करना
जय हो अम्मा
Thursday, December 31, 2009
लो फिर आ गया नया साल
नववर्ष 2010
लो फिर आ गया नया साल
लेकर सपनों का जंजाल
कुछ सच्चे-कुछ झूठे, कुछ पक्के-कुछ कच्चे, कुछ रूठे-कुछ अपने
तो आइए नए साल के बहाने
देखें कुछ सपने हम और आप
कम होगा जगती का ताप, भूख, बीमारी और अभाव
मानव का दुख और संताप, मिटेगा, है अगर कुछ पाप
सपने तो सपने हैं
भला सपनों से क्या मलाल
पूरे हों या रहें अधूरे
इनके सहारे कट तो जाएगा
एक और नया साल।।
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