Sunday, August 30, 2009

बैलेट से एक और सत्ता पलट


जापान में तूफ़ान और ज़लज़ले के साथ शुरू हुई ३१ अगस्त की तारीख राजनीति में भूकम्प लेकर आई। खत्म हुआ एलडीपी का सुनहरा राज और दूसरे महायुद्ध के बाद पहली बार पलट गई सत्ता। जनता ने निकम्मी, नाकारा, ढुलमुल और कमज़ोर के विशेषणों से अलंकृत डैमोक्रेटिक पार्टी को सौंप दी सत्ता की बागडोर। जीत के जश्न में न ढोल बजे न नगाड़े, मालाओं का ढेर भी नदारद था। विजेता दल के नेता और भावी प्रधानमंत्री युकिओ हातोयामा बस एक बार मुस्कुराए। जापान का ट्रेडमार्क विक्टरी साइन भी लापता दिखा। असल में उनके सिर पर भी सुपर बास ओज़ावा की तलवार है , जाने उन्हें गद्दी मिलेगी या ओज़ावा खुद विराजमान हो जाएँगे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के सिंहासन पर।
जय जनता जापान की।

1 comment:

Dipak Dholakia said...

japan ki Rajneeti mein yeh ek bara mor AyA hai. hAlAMki Democratic party bahut kamzor rahi hai lekin hAl ki mandI ne batA diyA ki kanzarveTIves ke pAs javAbnahiM hai. ek mAine mein yeh negative vote hai. lekin pehli bAr Japan Asiyai drishTikoN se sochegA yeh bhI sahI hai.Sainik na sahI Japan kiI rAnItik mahattvAkAnkshAem to hai hI.
durbhagya kI bAt hai ki yahAm Bharat mein AmrikA kI rAjnIti ko chhDkar kaabhI Asia mein kyA ho rahA hai, Am Admi nahiM sochatA.nischit rUp se yeh bahut baDa badlAv hai jis ka asar na keval Japan aur Asia balki vishva kI rAjnIti par bhI paD saktA hai.